मन की ख़ामोशी ,
तन की ख़ामोशी.
ख़ामोशी इच्छाओं की ,
अरमानो की ख़ामोशी ,
सच को जान कर उसे न कह पाने की ख़ामोशी ,
बिन वर्षा प्यासी धरती की ख़ामोशी ,
बिन जल धारा तडपती नदी की ख़ामोशी ,
लहरों की हलचल में समुन्दर की ख़ामोशी ,
अत्याचारी निजाम में घुट घुट जीती आवाम की ख़ामोशी कब टूटेगी चारों और पसरी अविश्वास की ख़ामोशी ,
कब तोड़ेंगे हम ये ख़ामोशी ..........?
Monday, November 17, 2014
वो मेरे क़रीब से .....
वो मेरे क़रीब से ,
कुछ यूँ गुजर गया।
आहटें कदमों की
इस दिल को दे गया।।
धड़कनों का कारवां ,
निकल पड़ा मंज़िलों की तलाश में।
मंज़िल पे उसे पाया ,
तो जाना फ़क़त छलावा था
'दयार' में।।
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