Sunday, June 26, 2011

कलम और तलवार

तलवार ने टोका इक बार कलम को ,
बता री , रंग कौन भला ?

जो सफे चढ़ा , जो धार चढ़ा ,
''कलम का जवाब था ''
जो धार चढ़ा , वो लहू बना ,
और भय का पर्याय बना,
जो सफे चढ़ा , वो ज्ञान बना ,
इतिहास बना, विश्वास बना ,
इस जग का बदलाव बना... !!



प्रवीश दिक्षित ' तल्ख़'

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