मन की ख़ामोशी ,
तन की ख़ामोशी.
ख़ामोशी इच्छाओं की ,
अरमानो की ख़ामोशी ,
सच को जान कर उसे न कह पाने की ख़ामोशी ,
बिन वर्षा प्यासी धरती की ख़ामोशी ,
बिन जल धारा तडपती नदी की ख़ामोशी ,
लहरों की हलचल में समुन्दर की ख़ामोशी ,
अत्याचारी निजाम में घुट घुट जीती आवाम की ख़ामोशी कब टूटेगी चारों और पसरी अविश्वास की ख़ामोशी ,
कब तोड़ेंगे हम ये ख़ामोशी ..........?
Friday, September 11, 2009
: तकदीर :
चला था ढूंढने साहिले ऐ मंजिल मगर, चश्म ऐ उम्मीद का साथ ना मिला , जोश ऐ दम तो बहुत इरादों में मगर , रूठी तकदीर का साथ ना मिला .
No comments:
Post a Comment