Wednesday, July 20, 2011

खुदा मेरे ख्वाबों को ..




खुदा मेरे ख्वाबों को हवा दे दे अगर ,
मैं यहाँ कि फिजां में , नया रंग भर दूँ !



दे के हवाओं को मोहब्बत का मैं नारा ,
फिर से बुलंद मैं , वतन का इकबाल कर दूँ !



देकर उक़ूबत , हर अदू - ऐ- हिंद को मैं ,
मुल्क में फिर से अमन का राज कर दूँ !



ज़ज्बा-ऐ-जन्नत हैं बसते, यहाँ हर शख्स में ,
बद को मिटा कर , खुशियों की तासीर कर दूँ !



फाक़ों की न फ़िक्र हो,अब किसी भी शख्स को
मैं एहतियाज़े रसद का वो इन्तिज़ाम कर दूँ !!

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