निगाहें उठाता हूँ तो तू नजर आती है ,
निगाहें झुकाता हूँ तो तू नजर आती है।
तेरी मोहब्बत का ये आमिल गजब है ,
जहाँ देखूं इक तू ही तू नजर आती है ।
सोचता हूँ कभी किये आँख बंद कर लूँ ,
जो पलकें गिराता हूँ तो तू नजर आती है।
भूल जाऊं तुझे , जाम में डूब जाऊं ,
पैमानों में तेरी सूरत नजर आती है।
तुझे प्यार दूँ या करूँ तुझसे नफरत ,
सुर्ख लाल जोड़े में , जब तू नजर आती है।
तेरी इस हिमाकत को बेवफाई का दर्जा दूँ ,
हमे , तेरी बेवफाई में भी वफ़ा नजर आती है॥
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